” ज़ेन हाइकु
” ज़ेन हाइकु : मरणासन्न झींगुर — कैसा जीवन्त, उसका गान ” ~ ओशो :-
” प्रत्येक सतर्क और जागरुक व्यक्ति की ऐसी ही अवस्था होनी चाहिए।
मृत्यु के समय भी, गाता हुआ – और तब कोई मृत्यु नहीं है। ”
ஜ۩۞۩ஜ ॐॐॐ ओशो ॐॐॐ ஜ۩۞۩ஜ
~ ह्यकुजो:दि एवरेस्ट औफ़ ज़ेन
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