Monthly Archives: જુલાઇ, 2012

” गुरु होश में लाता है ” ~ ओशो : –

” गुरु होश में लाता है ” ~ ओशो : – ” गुरु का एक ही अर्थ हैः तुम्हारी नींद को तोड़ देना। तुम्हें जगा दे, तुम्हारे सपने बिखर जाएं, तुम होश से भर जाओ नींद बहुत गहरी है। शायद नींद कहना भी ठीक नहीं, बेहोशी है। कितना ही पुकारो, नींद के परदे केपार आवाज …

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” सृजनात्‍मकता ही प्रेम है, धर्म है ” ~ ओशो : -“

” सृजनात्‍मकता ही प्रेम है, धर्म है ” ~ ओशो : – ” एक महान सम्राट अपने घोड़े पर बैठ कर हर दिन सुबह शहर में घूमता था। यह सुंदर अनुभव था कि कैसे शहर विकसित हो रहा है, कैसे उसकी राजधानी अधिक से अधिक सुंदरहो रही है। उसका सपना था कि उसे पृथ्‍वी की …

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” मनुष्य की चेतना भीतर से कब स्वस्थ होती है? ” ~ ओशो : –

” मनुष्य की चेतना भीतर से कब स्वस्थ होती है? ” ~ ओशो : – ” ध्यान का पहला अर्थ है कि हम अपने शरीर और स्वयं के प्रति जागना शुरु करें। यह जागरण अगर बढ़ सके तो आपका मृत्यु-भय क्षीण हो जाता है। और जो चिकित्सा-शास्त् र मनुष्य को मृत्यु के भय से मुक्त …

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“गुरु बिन ज्ञान नाही- ओशो”

” गुरु बिन ज्ञान नाहीं ” ~ ओशो :- ” बुद्ध अदभुत गुरु हैं। बुद्ध दोनों बातें कहते हैं। कहते हैः गुरु के संग ज्ञान नहीं होगा। औरदीक्षा देते है! और शिष्य बनाते हैं! और कहते हैः किसको शिष्य बनाऊं ? कैसे शिष्य बनाऊं ? मैंने खुद भी बिना शिष्य बने पाया ! तुम भी …

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શું આપ જ્ઞાતિવાદથી ખુશ છો…???

તા-૮/૯/૨૦૧૨. સત્યમેવ જયતે નો એપિસોડ જ્ઞાતિવાદ પર આધારીત હતો.ભારત ની આ સમસ્યા (અને મારી ભાષા માં બીમારી) આમ તો બહુ જુની છે.અને જ્ઞાતિવાદ નું ઝેર આપણને બાળપણ માં જ પાવામાં આવે છે.તેથી આ સમસ્યાનું નિવારણ હાલ ના તબક્કે મને દેખાતું નથી…?મારે અહી જ્ઞાતિવાદ જશે કે નહિ તે મુદ્દે ચર્ચા નથી કરવી પણ જ્ઞાતિ આધારીત કોઈ બીજા ની ગંદકી …

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અબુ હમઝા આંતકવાદી શા માટે ભારત આવ્યો……?

૨૬/૧૧ કેસનો મહત્વનો ત્રાસવાદી અબુ હમઝા પકડાયો આજકાલ આખા દેશ માં અબુ હમઝા નામક આંતકવાદી ની ધરપકડ થઈ તેની ચર્ચા ચારેકોર છે.અને તે કોમનમેન નું કામ પણ ગણાય…!! આમ તો આપણા મન માં એક પ્રશ્ન થાઈ કે તે ભારત પાછો કેમ આવ્યો હશે? તેના ચેલા અઝમલ કસાબ ની જે રીતે થાણે જેલ માં ચાકરી થઈ …

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ગુરુદેવ નમઃ

न गुरु: अधिकं तत्त्वं न गुरु: अधिकं तप: | न गुरु: अधिकं ज्ञानं  तस्मै श्रीगुरवे नम: ||• • અર્થાત ” ગુરુથી કોઈ શ્રેષ્ઠ તત્વ નથી, ગુરુથી અધિક તપ નથી અને ગુરુથી વિશેષ કોઈ જ્ઞાન નથી એવા શ્રી ગુરુદેવને નમસ્કાર.”• •આપણો ભારત દેશ ” વિશ્વ ગુરુ ” તરીકે ગૌરવવંતુ સ્થાન ધરાવે છે. ગુરુનું પૂજન એ ભારતીય …

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हमारा समाज क्या है ……. ?

हमारा समाज क्या है ……. ? समाज को मतलब, आपका जो चेहरा प्रकट होता है, उससे है; आपकी जो आत्मा अप्रकट रह जाती है, उससे नहीं है। इसलिए समाज इसकी चिंता ही नहीं करता कि भीतर आप कैसे हैं। समाज कहता है, बाहर आप कैसे हैं, बस हमारी बात पूरी हो जाती है। बाहर आप …

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प्रेम और समर्पण ……. !

प्रेम और समर्पण ……. ! दुनिया की बहुत सी प्रयोगशालाओं में निर्णीत निष्कर्ष ले लिए गए हैं कि प्रेम जीवन को बढ़ाता है। जिस गुलाब को तुमने प्रेम किया, उसके फूल बड़े होंगे। होने ही चाहिए। क्योंकि तुमने उसे गरिमा दी। पौधे के प्राण पुलकित हैं। वह तुम्हें प्रसन्न करना चाहता है; तुमने उसे प्रसन्न …

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प्रभु को जानना है, तो स्वयं को जीतो ……. !

प्रभु को जानना है, तो स्वयं को जीतो ……. ! मनुष्य का मन दासता में है। हम अपने ही दास पैदा होते हैं। वासना की जंजीरों के साथ ही जगत में हमारा आना होता है। बहुत सूक्ष्म बंधन हमें बांधे हैं। परतंत्रता जन्मजात है। वह प्रकृति प्रदत्त है। हमें उसे कमाना नहीं होता। मनुष्य पाता …

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